अ जिन्दगी तेरा ख्याल हि
गुनाह हो गया हैं
अब तो मेरे लिए ,
जमाना
हसरत-ऐ -मासूक रखता है ,
यहाँ दिदार-ऐ-मासूक भी
मुमकिन नहीं
अब तो मेरे लिए...😢