रविवार, 25 सितंबर 2016

वाह रे कातिल 

तुने मेरा कत्ल भी 

क्या खूब किया ।

होठों पे सिसक 

और 

आंखो में नमी दे गया ।।

शुक्रवार, 16 सितंबर 2016

तजुर्बे

कम्बक्त
जिन्दगी
सांसो के
दरमीयां
हि रह गई !
'फलक'
तजुर्बे इतने
हो गये कि
मंजिल
कि ख्वाहिश
हि खत्म
हो गई ...।।