जिन्दगी
बुधवार, 17 मई 2023
कसूर
कसूर बस ये हुआ की ,
बे-कसूर हि रहा मैं ता-उम्र ...!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें